सेंसेक्स क्या है || What is Sensex
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सेंसेक्स क्या है |
सेंसेक्स भारत के शेयर बाजार का एक महत्वपूर्ण सूचकांक है, जो शेयर बाजार के समग्र प्रदर्शन को मापने का काम करता है। आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि सेंसेक्स का पूरा नाम "सेंसिटिव इंडेक्स" है और इसकी वैल्यू की गणना करने का काम बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) करता है। यह शेयर बाजार का एक महत्वपूर्ण बेंचमार्क है, जिसे निवेशक और व्यापारी समय-समय पर देखते हैं और उसी के अनुसार अपनी निवेश रणनीति बनाते हैं।
सेंसेक्स की शुरुआत 1 जनवरी 1986 को हुई थी और उस वक्त इसकी बेस वैल्यू महज 100 रुपए थी। पिछले कुछ सालों में सेंसेक्स की कीमत जमीन से आसमान छूने लगी है। सेंसेक्स के मूल्य की गणना करने के लिए बीएसई की 30 सबसे बड़ी कंपनियों के शेयरों की औसत कीमत ली जाती है। अगर बीएसई की इन टॉप 30 कंपनियों के स्टॉक की कुल वैल्यू बढ़ती है तो उसके साथ-साथ सेंसेक्स की वैल्यू भी बढ़ती है और जब इन 30 कंपनियों के शेयर की कीमत घटती है तो इसका सीधा असर सेंसेक्स की वैल्यू पर भी देखने को मिलता है। . .
सेंसेक्स के मूल्य के आधार पर ही सभी निवेशक अपने निवेश से संबंधित सभी निर्णय लेते हैं। अगर सेंसेक्स की कीमत बढ़ रही है तो यह निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत है और इसका मतलब है कि बाजार में कुल मिलाकर अच्छी वृद्धि हो रही है, जबकि अगर सेंसेक्स की कीमत घट रही है तो यह निवेशकों के लिए एक नकारात्मक संकेत है और इसका मतलब है कि यानी शेयर बाजार में निवेश करने से नुकसान ही होगा।
सेंसेक्स में बदलाव के हिसाब से सरकार अपनी नीतियां बनाती है। जब सेंसेक्स की कीमत बढ़ती है तो यह सरकार के लिए एक सकारात्मक संकेत होता है और इसका मतलब है कि देश की अर्थव्यवस्था में अच्छी वृद्धि हो रही है उसके बाद सरकार अपनी नीतियों में बदलाव करती है ताकि सेंसेक्स की इस वृद्धि को बनाए रखा जा सके। . लेकिन अगर सेंसेक्स की कीमत गिर रही है तो यह सरकार के लिए एक नकारात्मक संकेत है और सरकार को अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए नई नीतियां बनानी होंगी।
सेंसेक्स के प्रदर्शन का ठीक से विश्लेषण करने के लिए निवेशक को शेयर बाजार की स्थिति और बाजार के रुझान को ध्यान में रखना होता है। अगर आप भी सेंसेक्स में निवेश करना चाहते हैं तो एक अच्छे निवेशक की तरह सेंसेक्स के विश्लेषण के साथ-साथ बाजार के समग्र प्रदर्शन को समझना बहुत जरूरी है।