राजस्व बजट और पूंजीगत बजट के बीच अंतर | 0706

राजस्व बजट और पूंजीगत बजट के बीच अंतर

राजस्व बजट और पूंजीगत बजट के बीच अंतर

 

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राजस्व बजट (Revenue Budget) और पूंजीगत बजट (Capital Budget) दो प्रमुख आर्थिक बजट होते हैं, और ये सरकारों और वित्तमंत्रालयों के लिए महत्वपूर्ण हैं। इन दोनों बजटों में विभिन्न अंतर होता है, जिन्हें हम यहाँ विस्तार से समझेंगे:

राजस्व बजट (Revenue Budget):

  1. परिभाषा: राजस्व बजट उन सभी आयों और व्ययों का विवरण प्रदान करता है जो सरकार को एक वित्त वर्ष के दौरान आवश्यक होते हैं। यह आय, विदेशी भुगतान, और बजट खर्च की अंतरणिका सांख्यिकी को शामिल करता है।
  2. लक्ष्य: इसका मुख्य उद्देश्य दैनिक कार्यवाही और सरकार के रोजगार गठन जैसे नियोक्त्रणिक कार्यों के लिए धनराशि प्रदान करना होता है।
  3. क्रेडिट और डेबिट: इस बजट में क्रेडिट (आय) और डेबिट (व्यय) का विवरण होता है, जिससे सरकार का आर्थिक स्वास्थ्य और साक्षरता प्राप्त होता है।
  4. सामान्य व्यय: इसमें सामान्य व्ययों को शामिल किया जाता है, जैसे कि सार्वजनिक सेवाओं के लिए व्यय, वेतन और तनख्वाह, और सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों के लिए व्यय।
  5. आय और व्यय के अदान-प्रदान: राजस्व बजट में आय और व्यय के अदान-प्रदान का विवरण होता है, जिससे यह पता चलता है कि सरकार कितनी आय प्राप्त करती है और उसका कैसे उपयोग करती है।
  6. स्वास्थ्य प्राधिकृति: राजस्व बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा, और सामाजिक कल्याण क्षेत्र को महत्वपूर्ण प्राधिकृति देना सामान्यत: सरकार इन क्षेत्रों में अधिक निवेश करती है ताकि सामाजिक सुधार हो सके।
  7. अवधारणा: राजस्व बजट वर्ष के दौरान के आर्थिक गतिविधियों का योजनाबद्ध और अनुग्रहण दस्तावेज होता है और इसका उद्देश्य एक सामान्य निवेश और खर्च की साझा दृष्टि तय करना होता है।

पूंजीगत बजट (Capital Budget):

  1. परिभाषा: पूंजीगत बजट उन आर्थिक गतिविधियों का विवरण प्रदान करता है जो निवेश की आवश्यकता को पूरा करने के लिए होते हैं। इसमें लघु और मध्यम निवेश, पूंजीगत संसाधनों की खरीद, और संरचना परियोजनाओं का निवर्णन होता है।
  2. लक्ष्य: इसका मुख्य उद्देश्य निवेश की योजनाओं को पूर्ण करना होता है और नई संरचनाओं की खरीद करना होता है।
  3. क्रेडिट और डेबिट: पूंजीगत बजट में निवेश की राशि को क्रेडिट के रूप में जोड़ा जाता है और निवेश से होने वाले व्यय को डेबिट के रूप में दर्शाया जाता है।
  4. सामान्य व्यय: पूंजीगत बजट में सामान्य व्ययों का निर्दिष्ट विवरण नहीं होता है, क्योंकि यह निवेश के लिए बजट होता है, जो सामान्य व्ययों से अलग होता है।
  5. आय और व्यय के अदान-प्रदान: पूंजीगत बजट में निवेश के लिए आवश्यक धनराशि का विवरण होता है, जिससे यह पता चलता है कि सरकार कितनी पूंजी का निवेश कर रही है और उसे कैसे उपयोग करेगी।
  6. स्वास्थ्य प्राधिकृति: पूंजीगत बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा, और सामाजिक कल्याण क्षेत्र को आमतौर पर प्राधिकृति नहीं दी जाती है, क्योंकि यह निवेश के लिए होता है और सामान्य व्यय से अलग होता है।
  7. अवधारणा: पूंजीगत बजट नई संरचनाओं के निवेश को प्राधिकृत करने और अधिक विकास के लिए एक निवेश योजना का विवरण होता है, और यह सरकार की वित्तीय स्वास्थ्य को निर्धारित करने में मदद करता है।

मुख्य अंतर:

  1. उद्देश्य: राजस्व बजट का मुख्य उद्देश्य दैनिक कार्यवाही के लिए आवश्यक धनराशि प्रदान करना होता है, जबकि पूंजीगत बजट का मुख्य उद्देश्य निवेश की योजनाओं को पूर्ण करना होता है।
  2. धनराशि का उपयोग: राजस्व बजट का उपयोग सरकार के दैनिक कार्यवाही और रोजगार गठन के लिए होता है, जबकि पूंजीगत बजट का उपयोग निवेश के लिए होता है, जैसे कि सड़क, सेतु, और अन्य संरचनाओं के निर्माण के लिए।
  3. विवरण: राजस्व बजट में सामान्य व्ययों का विवरण होता है, जबकि पूंजीगत बजट में निवेश के लिए निवेश की राशि का विवरण होता है।
  4. सामाजिक कल्याण: राजस्व बजट में सामाजिक कल्याण क्षेत्र को प्राधिकृति देना महत्वपूर्ण होता है, जबकि पूंजीगत बजट में इसके लिए विशेष ध्यान नहीं दिया जाता है।
  5. व्यय की स्वरूप: राजस्व बजट में व्यय दैनिक कार्यवाही के लिए होता है, जबकि पूंजीगत बजट में व्यय निवेश के लिए होता है।
  6. संरचना के लिए: राजस्व बजट सरकारी व्यवस्था के लिए होता है, जबकि पूंजीगत बजट निवेश के लिए होता है, जिससे संरचनाओं का निर्माण किया जा सकता है।

निष्कर्ष: राजस्व बजट और पूंजीगत बजट दोनों ही सरकारों और वित्तमंत्रालयों के लिए महत्वपूर्ण होते हैं, लेकिन इनमें उद्देश्य, धनराशि का उपयोग, और व्यय की विशेषता में अंतर होता है। राजस्व बजट दैनिक कार्यवाही के लिए होता है और सामाजिक कल्याण क्षेत्र को प्राधिकृत करता है, जबकि पूंजीगत बजट निवेश के लिए होता है और संरचनाओं के निर्माण को संभालता है।

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