नवरात्री (Navratri) एक लोकप्रिय हिंदू त्योहार है, जिसका शाब्दिक अर्थ है “नौ रातें” (नव = नौ, रात्रि = रात)। यह मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना करने का त्योहार है। नवरात्री धर्म, भक्ति, संस्कृति और सामाजिकता का संगम है। ये नौ दिन भक्त उपवास रखते हैं, स्त्रियाँ व्रत करती हैं, मंदिरों में विशेष पूजा होती है, घरों में देवी-विघटन सजाए जाते हैं, और Garba–Dandiya, भक्तिमय गीत, आरती आदि से पर्व की रौनक बढ़ती है।
Navratri Kab Hai
नवरात्री की तिथियाँ और काल
भारतीय पंचांग (चंद्र-सौर कैलेंडर) के अनुसार, नवरात्री हर वर्ष दो मुख्य समयों पर मनाई जाती है:
- शारदिया नवरात्री (Sharadiya Navratri या शारदीय नवरात्रि) – यह आश्विन महीने की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा (Pratipada) से शुरू होती है। यह सबसे प्रमुख नवरात्री है, जिसे अधिकांश क्षेत्र विशेष श्रद्धा और धूमधाम से मनाते हैं।
- चैत्र नवरात्री (Chaitra या वसंत नवरात्री) – यह चैत्र महीने में आती है, जो कि वसंत ऋतु में होती है।
2025 में शारदिया नवरात्री की तिथियाँ
- शुरुआत (घटस्थापना / प्रथम दिन): 22 सितंबर 2025 से
- समाप्ति: 2 अक्टूबर 2025 यानी विजयदशमी (Dussehra) के दिन
- कुल अवधि: यह त्योहार लगभग नौ से दस दिन चलेगा, क्योंकि इस वर्ष कुछ पंचांग सापेक्ष मुहूर्तों में वृद्धि हुई है
नवरात्री क्यों मनाई जाती है – पौराणिक एवं धार्मिक महत्व
- माँ दुर्गा की महिषासुर नामक दानव पर विजय का स्मरण नवरात्री का मुख्य कारण है। यह विजय बुराई पर अच्छाई, अधर्म पर धर्म, अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है।
- प्रत्येक दिन देवी के एक अलग रूप की पूजा होती है – नौ रूपों को “नवदुर्गा” कहा जाता है। ये रूप अलग-अलग गुणों, शक्तियों और महत्वों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- नवरात्री का त्योहार सामाजिक समरसता, संस्कृति, लोकगीत–नृत्य जैसे गरबा और डांडिया, सामूहिक पूजा etc. को बढ़ावा देता है। लोग व्रत रखते हैं, संयम, आचरण सुधार और आत्मचिंतन की ओर प्रोत्साहित होते हैं।
विशेष तिथियाँ और कार्यक्रम – दिन वार गतिविधियाँ
नवरात्री के हर दिन की एक विशेष पूजा, देवी का रूप और रंग होता है जो भक्तों के लिए मार्गदर्शक होता है। उदाहरण स्वरूप, ये हैं 2025 शारदिया नवरात्री के कुछ विवरण:
दिन | तिथि (सितंबर/अक्टूबर 2025) | देवी का रूप | रंग |
---|---|---|---|
पहला दिन (Pratipada) | 22 सितम्बर | शैलपुत्री | सफेद (White) |
दूसरा दिन | 23 सितम्बर | ब्रह्मचारिणी | लाल (Red) |
तीसरा दिन | 24 सितम्बर | चंद्रघंटा | रॉयल ब्लू |
चौथा दिन | 25सितम्बर | कूष्मांडा | पीला (Yellow) |
पाँचवा दिन | 26 सितम्बर | स्कंदमाता | हरा (Green) |
छठा दिन | 27 सितम्बर | कात्यायनी | ग्रे / हल्का रंग |
सातवाँ दिन | 28 सितम्बर | कालरात्रि | नारंगी / विजयी रंग |
आठवाँ दिन | 29 सितम्बर | महागौरी | तितली रंग / विशेष रंग जिसे Peacock Green या अन्य |
नवाँ दिन (नवमी) | 30 सितम्बर | सिद्धिदাত্রী | गुलाबी या संतुलित रंग |
दशमी / विजयादशमी | 2 अक्टूबर | विसर्जन, दशमी पूजा आदि | — |
नवरात्री का अनुष्ठान और प्रथाएँ
- घटस्थापना / कलश स्थापना: पहले दिन देवी शक्ति की उपासना के लिए कलश स्थापित किया जाता है।
- व्रत और उपवास: बहुत से भक्त नौ दिन उपवास रखते हैं या आंशिक व्रत करते हैं। भोजन एवं समय-सारिणी के नियम अलग-अलग हो सकते हैं।
- पूजा, मंत्र, आरती, Durga Saptashati पाठ: देवी स्तुति, आरती, भगवद् मंत्रों का जाप एवं देवी की स्तुति में समय बिताना।
- Garba, Dandiya, लोक नृत्य: विशेष रूप से गुजरात, महाराष्ट्र आदि स्थानों में शाम को गरबा डांडिया की रौनक होती है।
- विजयादशमी / दशहरा: नवरात्री के बाद दशमी आती है, जिसे विजयादशमी कहा जाता है। बुराई पर अच्छाई की विजय और रावण की झूठी आत्मा का अंत दर्शाती है।
नवरात्री कब-से कब (भारत के विभिन्न हिस्सों में अंतर)
- अलग-अलग क्षेत्र पंचांग अनुसार थोड़ा सा बदलाव कर सकते हैं; कभी घटस्थापना का मुहूर्त बदल सकता है।
- कुछ स्थानों पर दसवें दिन (वरीय दशमी / विजयादशमी) भी बड़े उत्साह से मनाई जाती है, जिसमें देवी का विसर्जन होता है।
नवरात्री सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि, संयम, भक्ति और सामाजिक मेल-जोल का पर्व है। यह त्योहार यह याद दिलाता है कि अच्छाई हमेशा बुराई पर विजय पाएगी।
इस वर्ष शारदिया नवरात्री 2025 22 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक है। यदि आप अपने क्षेत्र के पंचांग की तिथि और मुहूर्त देखना चाहें, तो स्थानीय हिन्दू पंचांग या मंदिर से संपर्क करना उत्तम रहेगा।
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