Love Story Hindi - पहली मुलाकात
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Love Story Hindi - पहली मुलाक़ात |
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यह कहानी है भोपाल में रहने वाले रोहित कि जो की राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के 3rd ईयर कंप्यूटर साइंस का स्टूडेंट है ! बात बात पर लड़ाई करना और कॉलेज के बाहर लड़कों को मारना रोहित के लिये आम बात थी !
लड़कियों पर वह कभी हाथ नहीं उठाता था पर इतनी ज़ोर से डॉटता था की लड़कियाँ भी उस से दूर ही रहती थी !
कल से एग्जाम स्टार्ट थे और पढ़ाई की नहीं थी ,रोहित का टेंशन में बुरा हाल था , syllabus को देख कर पसीना आ रहा था ना कुछ समझ आ रहा था और ना ही कोई उम्मीद थी syllabus को पूरा करने की ! रोहित को जैसे जैसे टेंशन होतीं वो उसे कम करने चाय पीने चला जाता ।
दोपहर एक बजे से साम के 6 बजे तक ना जाने कितनी चाय उसने गटक ली । ना टेंशन कम हुई ना कुछ पड़ाई हुई । वक़्त निकलता जा रहा था रोहित को कुछ समझ नहीं आ रहा था उसने अपने एक- दो दोस्तों को कॉल किया उनका भी लगभग यही हाल था !
फिर रोहित ने परेशान होकर अपनी माँ से बात कि तब उसे थोड़ा आराम मिला । तनाव को दूर करने के लिए उसने थोड़ा रेस्ट किया और फिर ख़ाना खाकर मन को पक्का करके पड़ने बैठ गया , धीरे धीरें पढ़ने में मन लगाया और कब देर हो गई पता नहीं चला, जब रोहित ने घड़ी देखी तो तीन बजे थे उसने किताब को रखा और सो गया !
रोहित अचानक से उठा और देखा तो आठ बजकर तीस मिनिट हो गये थे आज रोहित का पहला पेपर था , रात में देर तक पड़ने के कारण सुबह लेट नीद खुलीं , सुबह दस बजे से एग्जाम था!
रोहिंत जल्दी नहा कर जैसे तैसे बिना नास्ते के एग्जाम के लिये अपनी बाइक पर निकल गया ! मन में रिवाइज करते हुए कॉलेज जल्दी पहुँचने कि कोशिश में तेज मोटरसाइकिल चला रहा था तभी उसको अचानक सब कुछ दिखना बंद हो गया जब तक रोहित कुछ समझता अपनी मोटरसाइकिल में ब्रेक लगता तब तक देर हो गई थी ! मोटरसाइकिल को कंट्रोल करते करते रोहित का एक्सीडेंट हो गया !
रोहित ने देखा उसके चहरे पर एक नीले कलर का कपड़ा आकर उसके हेलमेट में फ़ैस गया जिससे उसको दिखना बंद हुआ और रोहित गिर गया ! पेपर कि टेशन में रोहित खड़ा हुआ और जोर से चिल्लाया ये कपड़ा किसका है , आस पास के सारे लोग उसको देख रहे थे पर किसी ने कुछ नहीं बोला ,
रोहित ग़ुस्से से लाल हो गया उसको लग रहा था अगर कपड़ा फेकने वाला मिल जाए तो वो उसकी जान ही ले लेगा। रोहिंत अपनी मोटरसाइक उठा रहा था तभी पीछे से आवाज़ आई सॉरी , रोहित ने मोटरसायकिल स्टैंड पर लगाई और मुड़ते हुए चिल्लाया क्या सॉरी तुम को पता भी आज मेरा फाइनल पेपर है !
पहली मुलाकात – पहली मुलाक़ात जब रोहित पलटा तो उसने देखा एक मासूम सी डरी हुई सी लड़कीं उसे सॉरी बोल रही है , उसकी बड़ी बड़ी आँखें और लंबी ज़ुल्फ़ों में रोहित अपना सारा का सारा ग़ुस्सा एक मिंट में भूल गया ।
रोहित को लगा शायद यह वही चहरा है जिसकी उसे कई वर्षों से तलाश थी , बीच सड़क पर खड़ा होकर रोहित लड़की को घूरता जा रहा था लड़की ने नज़रे झुकाई और बोली वो गलती से हवा में मेरा दुप्पटा आप के ऊपर आ गया और लड़की ने फिर सॉरी बोला पर रोहित को कुछ सुनाई नहीं दिया।
रोहित उसके चहरे में डूब सा गया जैसे पहले कभी उसने इतनी सुन्दर कोई लड़की देखी ही ना हो !
उसके काले काले बालों ने जैसे आधेरा कर दिया हो और रोहित को कुछ दिख ना रहा हो , लड़की को बहुत अजीब लग रहा था उसने अपना दुपट्टा रोहित के हाथ से लिया और चली गई , रोहित उसे जाते बस देखता ही जा रहा था !
सड़क पर निकलने वाले वाहन के ना हॉर्न सुनाई दे रहे थे ना ही आसपास का कुछ दिखाई दे रहा था ! तभी रोहित को किसी ने ज़ोर से हिलाया तो रोहित को लगा जैसे कोई मन चाहा सपना देख रहा हो और अचानक किसे ने उसे जगा दिया हो !
पहली मुलाकात – रोहित ने पलट कर देखा की उसका दोस्त शमीर है जिसने उसके कंधे पर हाथ रखा है ।शमीर ने बोला क्या हुआ ? एक्सीडेंट कैसे हुआ? तुम ठीक तो होना ? डॉ. के यहाँ ले चलूँ? रोहित बोला में ठीक हूँ, तुम यहाँ क्या कर रहो हो !
शमीर बोला में तो पेपर देने जा रहा था तुझे इस हाल में देखा तो रुक गया !ओह शिट ज़ोर से रोहित चिल्ला और बोला चल पेपर को देर हो रही है, पेपर दे कर आते है फिर इस बारे में बात करेगे ! शमीर बोला बाइक में चलाता हूँ तुम को हाथ में चोट लगी है ।
तुम पीछे बैठ जाओ और दोनों बाइक लेकर कॉलेज को निकल गये ! जाते जाते रोहित उसी लड़की के बारे में सोच रहा था, कौन थि वो ? क्या नाम था उसका ? उसको देख कर में सब भूल कैसे गया ? मैंने कुछ बोला क्यों नहीं ? उसकी गलती थी ? में मार भी सकता था उसको पर लड़की थी तो चिल्ला तो सकता था , मेरी जान भी जा सकती थी आख़िर उसकी गलती की वजह से ? पर उसपर मुझे ग़ुस्सा क्यों नहीं आया ? कही कुछ किया तो नहीं उसने?शमीर कुछ बोल रहा था पर रोहित अपने ख़यालों में ही लगा था !
पहली मुलाकात – वो कितनी मासूम थी उसकी गलती हो ही नहीं सकती , ज़रूर किसी ओर की गलती की वजह से उसका दुपट्टा मेरे ऊपर आया होगा ? यही सब सोचते सोचते दोनों कॉलेज पहुँच गये !
पहली मुलाकात – पेपर काफ़ी कठिन था पर रोहित के चहरे पर अजीब सा सुकून था बार बार उसे उस लड़की का चहरा नज़र आ रहा था । धीरे धीरे रोहित ने अपने पेपर पर फ़ोकस किया और पेपर देकर बाहर आ गया !
बाहर आकर ना किसी से कुछ बोला और ना दोस्तों के पास रुका सीधा वहाँ गया जहां उसे वह लड़कीं दिखी थी। सड़क किनारे खड़ा होकर सुबह की बात सोचने लगा उसने वहाँ पर लगे सभी सब्ज़ी के ठेले और दुकानदार से उस लड़कीं के बारे में पूछा पर किसी को कुछ मालूम नहीं था! उस अनजान लड़की को खोजते खोजते कब रात हो गई पता ही नहीं चला !
रात को रोहित के मन बस उसी लड़की का चहरा बार बार आ रहा था। कौन थी वो ? क्या करती है ? कहाँ रहती है ? मैंने उसका नाम क्यों नहीं पूछा? इन्ही सब ख़यालों में डूबे रोहित उससे फिरसे मिलने के हर पॉसिबल रास्ता सोचने लागा !
पहली मुलाकात – रोहित कि ये पहली मुलाक़ात ही थीं जिससे उसके चहरे पर एक अलग सा सुकून और दोवारा मिलने की बेचैनी लेकर आई है रोहित को जब भी मन में उसका चहरा दिखता रोहित आनंद से भर जाता ! रोहित दोवारा कब और कैसे मिलता है इसका पता तो आने वाले दिनों में पता लग जाएगा पर रोहित कि पहली मुलाक़ात उसे हमेसा याद रहेगी !